बात बहुत छोटी है पर विचारणीय है।जापान में एक परंपरा है कि यदि कोई वस्तु टूट जाती है तो उसे जोड़ने के साथ-साथ एक सुनहरी लाइन भी उस जोड़ पर लगा दी जाती है। जिसका अर्थ है कि वे अपनी कमियों को छिपाते नहीं अपितु खुले दिल से स्वीकार करते हैं। कितनी अच्छी बात है कि स्वयं की कमियों को छिपाने की बजाय खुले दिल से स्वीकार करना।
कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता। कमियाँ हर व्यक्ति में होती हैं जिस दिन हम यह बात स्वीकार कर लेंगे उस दिन हमारा दुनिया को देखने का नजरिया भी बदल जाएगा।
