
आओ मिलकर करें ये संकल्प,
अपने मन के भीतर के रावण का करें अन्त।
हारेंगी सभी बुराइयाँ तभी,
होगा आगाज़ एक नई सुबह का
जिसका करते रहे सदा इंतज़ार
फिर न किसी की विजय होगी,
न होगी किसी की हार।
हर दिन ही होगा एक त्योहार।

आओ मिलकर करें ये संकल्प,
अपने मन के भीतर के रावण का करें अन्त।
हारेंगी सभी बुराइयाँ तभी,
होगा आगाज़ एक नई सुबह का
जिसका करते रहे सदा इंतज़ार
फिर न किसी की विजय होगी,
न होगी किसी की हार।
हर दिन ही होगा एक त्योहार।